अंग्रेजी भू-राजस्व नीतियों के परिणाम किसानों के लिए घातक हुए ! उनपर बेकारी, भूखमरी, लगान एवं कर्ज बढ़ गया ! इसके विरुद्ध किसानों ने समय-समय पर आंदोलन किए ! एसे आंदोलनों में अग्रलिखित प्रमुख थे -
- चंपारण का किसान आंदोलन:- चंपारण में नीलहे 'तिनकठिया प्रणाली' के अंतर्गत किसानों से जबरदस्ती नील की खेती करवा कर उनका शोषण करते थे! किसानो के उत्पीड़न का समाचार पाकर महात्मा गांधी 1917 में चंपारण गए! उन्होंने किसानों की शिकायतों की जांच की एवं किसानों को सत्याग्रह करने को कहा! भारत में सत्याग्रह का पहला सफल प्रयोग गांधी जी ने चंपारण में ही किया चंपारण! 'चंपारण एग्रेरियन कमेटी' की अनुशंसा पर 1918 में 'चंपारण एग्रेरियन एक्ट' के द्वारा निलहों का अत्याचार रोक दिया गया एवं तिनकठिया प्रणाली समाप्त कर दी गई!
- खेड़ा का किसान आंदोलन:- 1918 में खेड़ा(गुजरात) में वर्षा नहीं होने से फसल नष्ट हो गई! इसकी स्थिति में किसानों ने लगान में माफी की मांग की जिसे सरकारी अधिकारियों ने ठुकरा दिया! इतना ही नहीं लगान चुकाने के लिए किसानों को परेशान भी किया! चंपारण में गांधी जी के कार्यों से प्रभावित होकर खेड़ा के किसानों ने भी उन्हें अपने यहां बुलाया! गांधी जी ने किसानों को संगठित होकर सत्याग्रह करने को कहा! सरकारी धमकी के बावजूद किसानों ने लगान बंदी की! बाध्य होकर सरकार को किसानों से समझौता कर उन्हें राहत देनी पड़ी!
- बारदोली सत्याग्रह:- 1928 में बारदोली (सूरत, गुजरात) में किसानों ने लगान में बढ़ोतरी के विरोध में व्यापक आंदोलन किया! किसानों ने लगा चुकाने से इंकार कर दिया! सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया! अगस्त 1928 में महात्मा गांधी भी बारदोली गए! समझौते के बाद सरकार ने लगान की राशि 30% से घटाकर 6.3% कर दी!
- एका आंदोलन:- किसानों का यह आंदोलन उत्तर प्रदेश के हरदोई, बहराइच और सीतापुर जिलों में हुआ! लगान की उचित दर और जमीनदारी शोषण के विरुद्ध किसान संगठित होने लगे! इस आंदोलन में निचले तबके के किसानों और स्थानीय छोटे जमींदारों की प्रमुख भूमिका थी! 1922 तक सरकार ने इस आंदोलन को दबा दिया!
- मोपला विद्रोह:- दक्षिण मालाबार में जमींदारों को सरकार द्वारा संरक्षण दिए जाने से मोपला आक्रोशित थे! वे धार्मिक आधार पर भी भूमिपत्तियों का विरोध कर रहे थे! 19वी शताब्दी में मोपलाओं ने अनेकों बार विद्रोह किए! उनका सबसे बड़ा और व्यापक विद्रोह 1921 में हुआ! मोपला खिलाफत आंदोलन से संबंद्ध होकर विद्रोह पर उतारू हो गया हो गए! इन लोगों ने हिंसा का सहारा लिया! सरकार ने सेना की सहायता से इस विद्रोह को कुचल दिया!
- किसान सभा और किसान आंदोलन:- वामपंथियों के प्रभाव में आकर श्रमिकों के समान किसान भी संगठित होने लगे! जगह-जगह पर किसान सभाओं का गठन किया गया! 1928 में स्वामी सहजानंद ने बिहटा (बिहार) में किसान सभा का गठन किया! उनके नेतृत्व में बिहार में किसान आंदोलन सशक्त रूप से चलाया गया! 1936 में उनकी अध्यक्षता में लखनऊ में अखिल भारतीय किसान सभा का गठन हुआ! किसान सभा के नेतृत्व में किसानों ने अपने हितों के लिए संघर्ष किया! पहली सितंबर 1936 को पूरे देश में किसान दिवस मनाया गया!
दोस्तों, ये था प्रमुख किसान आंदोलनों के बारे में संक्षेप में जानकारी ! उम्मीद है आपको पसंद आया होगा और ये आपके परीक्षा में उपयोगी सिद्ध होगा !
अगर आपके पास कोई सुझाव हो तो जरूर बताएं और हा , कैसी लगी ये पोस्ट कमेंट बॉक्स में जल्दी से टाइप कर दे ! धन्यवाद !!
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